
छोटे गधे ने मदद करना सीखा।

छोटा गधा एक दोस्ताना किस्म का जानवय था. उसे दिन भर खेतों में खेलना, तितलियो का पीछा करना और धूप में देर तक झपकी लेना पसंद था. वो एक बहुत ही ख़ुशमिज़ाज़ गधा था.
उसने हभेशा वही किया जिसने उसे खुश किया. यह बाते कभी - कभी उसके दोस्तों को परेशान भी करती थी.

एक रात जब छोटा गधा बिस्तर पर लेटने की तैयारी कर रहा था, तो उसकी दोस्त भेंड़ ने उससे पूछा, " छोटे गधे, क्या तुम मुझे एक छोता गाना सुना ओगे? मेरा आज का दिन बहुत व्यस्त था और अब मुझे नींद नहीं आ रही है। मुझे पता है. कि तुम अच्छा गाते हो। तुम्हारे खूबसूरत गाने से मुझे सोने में मदत मिलेगी। "

भेड़ की बात सुनकर छोटा गधा सिर्फ हँसा। "ढेंचू ! ढेंचू !!
" वो चिल्लाया। "तुम्हारे लिए एक गाना गाऊं ! बिल्कुल नहीं ! आज रात मैं खुद के लिए गाऊंगा।
" और फिर वो खुद गाना गता हुआ खलिहान में दूसरी ओर चला गया।
" देखो कितना स्वार्थी है वो छोटा गधा ! " भेड़ ने कहा और उसके बाद वो पुआल पर लेट गई।

अगले दिन, छोटा गधा बगीचे में टहल रहा था जब उसने अपने दोस्त खरगोश को देखा. " छोटे गधे, मैं काफी समय से दोपहर को भोजन खोजने की कोशिश कर रहा हूँ, पर ऐसा लगता है जैसे कि बगीचे की सभी गाजरें खत्म हो गई हैं। क्या तुम अपने दोपहर के खाने में से कुछ मुझे दोगे ?" खरगोश ने पूछा। " मैं बहुत भूखा हूँ। " " ढेंचू ! ढेंचू !! " छोटा गधा हँसा। "

मैं दोपहर का भोजन तुम से क्यों साझा करुँ ? मैं ऐसा बिल्कुल नहीं करुंगा ! फिर मेरे खाने के लिए क्या बचेगा ! नही , मैं अपना खाना खुद खाऊंगा। " " देखो कितना स्वार्थी है वो छोटा गधा ! " खरगोश ने कहा। उसके बाद खरगोश दूर चल गया।
दोपहर के भोजन के बाद, छोटा गधा झपकी लेने के लिए पास के खेत में गया। इससे पहले कि वह लेट पाता, उसने कछुए की आवाज़ सुनी।

" छोटे गधे , क्या तुम मेरा घर ले जाने में मेरी मदद करोगे ? मेरे लिए तालाब तक इस घर को ले जाना बहुत मुश्किल है। "
" ढेंचू ! ढेंचू !! " छोटा गधा ने कहा। " तुम अपना घर खुद उठाओ। मुझे अभी बहुत नींद आ रही है। " और फिर छोटा गधा लेट गया और उसने अपनी आँखे बंद कर ली। " देखो कितना स्वार्थी है वो छोटा गधा ! " कछुए ने कहा और फिर वो धीरे - धीरे वहां से दूर चला गया।
बाद में, किसान ने छोटे गधे की पीठ पर लड़कियों का गट्ठा लोड किया। छोटे गधे को घर तक उस भारी भार बोझ को उठाकर ले जाना था। वो अभी कुछ ही दूर गया था जब उसे अपनी दोस्त भेड दिखाई दी। " भेड़, क्या तुम मेरे लिए गाना गाओगी ? " छोटे गधे ने पूछा।

" इस भारी बोझ को ढोते हुए मैं एक हसमुख धुन सुनना चाहता हूँ। "
" मैं तुम्हारे लिए गाना गाऊं ?
" भेद ने कहा।
" मुझे याद है कि कल रात जब मैने तुम से सोते समय गाने के लिए कहा था तब तुम मुझ पर हॅसे थे !
" फिर भेद ने आगे कहा,
" आज मैं खुद अपने लिए गाऊंगी। "
छोटे गधे को कहने को कुछ भी नहीं था, क्योकि वो जनता था कि भेड़ सच कह रही थी। छोटा गधा उदास होकर अपने रास्ते चलता रहा। कुछ आगे जाकर छोटे गधे ने खरगोश को कुछ घास खाते हुए देखा। " खरगोश, क्या तुम दोपहर के अपने खाने में से कुछ मुझे दोंगे ? " उसने पूछा। " इस भारी लकड़ी के बोझ को ढोने से मुझे भूख लगी है। "

" मैं अपना दोपहर का भोजन तुम्हारे साथ क्यों साझा करुं ? " खरगोश ने कहा। " नहीं ! मैं बिल्कुल नहीं करुंगा ! मैं खुद ही पूरा खाना खाऊंगा ! " यह सुनकर छोटे गधे का मन रोने को करा। कोई भी उसकी मदद करने को तैयार नहीं था, और अब छोटा गधा बहुत थका हुआ था, और वो बहुत भूखा भी था।
आखिर में जब जब छोटे गधा घर पहुंचा, तो उसने कछुए को देखा। " कछुए ! " उसने कहा। " क्या इस भारी लकड़ी के बोझ को उतारने में तुम मेरी मदद करोगे ? मुझे यह नहीं पता कि किसान यहां कब आएगा, और मेरी पीठ दुःख रही है। "

" मैं लकड़िया उतारने में तुम्हारी मदद बिल्कुल नहीं करुंगा ? " कछुए ने' कहा। " बिल्कुल नहीं ! तुम देखो, मुझे नींद आ रही है। " और यह करते हुए कछुआ वहां से दूर चला गया।

छोटा गधा इंतजार करता रहा। किसान बहुत देर बाद आया और फिर उसने लकड़ी के बोझ को उतारा। लेकिन किसान इतनी जल्दी में था कि वो छोटे गधे के लिए रात का खाना लाना भूल गया था। " वो किसान सिर्फ अपने बारे में ही सोचता है ! " छोटे गधे ने कहा। " और अब मेरे पास रात के खाने के लिए कुछ भी नहीं है। मुझे भूखे ही सोना पड़ेगा ! "

धीरे - धीरे छोटे गधे को इस बात का एहसास हुआ कि उसने अपने सभी दोस्तों को साथ कितना स्वार्थी व्यवहार किया था। यह सोचकर वो रोने लगा।
भेड़, खरगोश, और कछुए ने छोटे गधे को रोते हुए सुना। वे उसे खलिहान में ले गए, जहाँ भेड़ ने उसके लिए एक मधुर गीत गया, खरगोश ने उसे खाना खिलाया और कछुए ने उसके लिए पुआल का नरम बिस्तर बनाया।
" मैं आप सभी का कैसे सुक्रिया अदा करुं,
" छोटे गधे ने कहा। " कृपा कर स्वार्थी होने के लिए मुझे माफ़ करें ? "
" बेशक, हम तुम्हें माफ़ करते है, " भेड़ ने कहा। " दोस्त इसीलिए होते हैं। "
" आप लोगों ने बिल्कुल सही कहा, " छोटे गधे ने कहा। " और अब से मैं आप सभी का एक अच्छा दोस्त हूं - हर समय। " छोटे गधे ने नरम पुआल पर अपना सिर रखा। फिर वो चैन से सो गया। कल वो अपने दोस्तों के साथ क्या मस्ती करेगा वो उसके बारे में सोच रहा था।
छोटे गधे ने मदद करना सीखा - YOUTUBE VIDEO
ये कहानी एक छोटे गधे की हे।
इस कहानी में, एक छोटे गधे ने कैसे मदत करना सीखा।
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छोटे गधे ने मदद करना सीखा - POST UPDATE DETAILS
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पुस्तक का नाम : | छोटे गधे ने मदद करना सीखी |
पुस्तक के लेखक : | - |
पुस्तक की श्रेणी : | बच्चे, गधे की कहानी |
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Publisher By :- WWW.HINDISTORYBOOK.IN |
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